प्रदेश के किसान कल्याण तथा कृषि विकास एवं जिले के प्रभारी मंत्री श्री गौरीशंकर बिसेन ने निर्देश दिये कि 50 लाख रूपये से अधिक लागत के निर्माण कार्यो को शीघ्रता से पूर्ण करें और आम जन को लाभान्वित करें। प्रभारी मंत्री श्री बिसेन ने ये निर्देश आज कलेक्ट्रेट सभागार में जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारियों की बैठक में अधिकारियों को दिये। बैठक में जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती कांता ठाकुर, नगर निगम महापौर श्रीमती कांता सदारंग, विधायकगण सर्वश्री चौधरी चन्द्रभान सिंह, पं.रमेश दुबे, नानाभाऊ मोहोड और नत्थनशाह कवरेती, नगर पंचायत पिपलानारायणवार के अध्यक्ष श्री नरेन्द्र परमार, कलेक्टर श्री जे.के.जैन, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री रोहित सिंह और सभी विभाग प्रमुख अधिकारी उपस्थित थे।
प्रभारी मंत्री श्री बिसेन ने निर्देश दिये कि समय की कमी को देखते हुये वर्षा के पूर्व सभी निर्माण कार्यो को पूर्ण करें। उन्होंने निर्देश दिये कि पेयजल समस्या के निदान के लिये हर संभव प्रयास करें तथा जहां आवश्यक हो वहा ट्यूबवेल भी कराये। उन्होंने कहा कि दबंग लोगों से सख्ती से वसूली करें और उनके द्वारा किये गये अतिक्रमण को हटाये। गरीबों के साथ सख्ती नहीं करें। उन्होंने मुख्यमंत्री की फ्लैगशिप योजनाओं के साथ ही विभिन्न विभागों द्वारा संचालित योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की और समय पर कार्य पूर्ण कर आम जन को शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं से लाभान्वित करने के लिये कहा। बैठक में ग्लूकोज की बॉटल में फंगस होने, डूब क्षेत्र के किसानों को मुआवजा देने, सेज के किसानों की समस्याओं का निराकरण करने, उपार्जन केन्द्र खोलने, फसल का परिवहन करने आदि बिंदुओं पर भी चर्चा की गई।
बैठक में कलेक्टर श्री जैन ने बताया कि आगामी 19 अप्रैल को विधायकगणों के साथ पेयजल संबंधी बैठक में चर्चा की जायेगी। उन्होंने संबंधित विभागों के अधिकारियों को बैठक में उपस्थित रहने के निर्देश दिये। बैठक में बताया गया कि श्रमिक सेवा पोर्टल में अभी तक जिले के 7 लाख 39 हजार 32 श्रमिकों का पंजीयन किया जा चुका है। इसी प्रकार समग्र स्वच्छता अभियान के अंतर्गत जिले की 784 ग्राम पंचायतों में 84 हजार 601 शौचालयों का निर्माण कर सभी ग्राम पंचायतों और जिले को 28 फरवरी को ओ.डी.एफ. घोषित किया जा चुका है। बैठक में सभी निर्माण विभागों द्वारा निर्माण कार्यो की प्रगति तथा संबंधित विभागों द्वारा कृषि, पशु चिकित्सा, मत्स्य, सहकारिता, खाद्य आपूर्ति, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र आदि की समीक्षा की गई जिसमें संबंधित अधिकारी द्वारा विभागीय प्रगति की जानकारी दी गई।