
कृषि विज्ञान केन्द्र, सागर में 8 मार्च को केन्द्र प्रमुख डॉ.के. एस. यादव के मार्गदर्शन में ‘‘ अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस ‘‘ का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय डॉ अर्चना पाण्डे , निदेशक फेकल्टी अफेयर ने अपने उदबोधन में महिलाओं को आशावादी सोच के साथ अपने आप में वर्तमान परिवेश में अपनी दिमागी सोच में विशिष्ट परिवर्तन लाते हुए. अपने परिवार के पुरूषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ना चाहिए तथा साथ ही उन्होंने पूर्व काल की वीरांगनाओं जैसे लक्ष्मीबाई, अहिल्याबाई , रानी दुर्गावती एवं अवन्तीबाई के शौर्य एवं वीरगाथाओं का जिक्र करते हुए वर्तमान की अबला से प्रबलता के साथ आगे बढ़ते हुए प्रबल होने के उपाय भी। उन्होंने कहा पुरुषों की गों की तुलना में नारी हमेशा आशावादी तथा सकारात्मकता के साथ काम करने की शक्ति होती है। उन्होंने नारी शक्ति को रामायण तथा अन्य कविताओं के माध्यम से उपस्थित महिलाओं में एक जोश एवं उत्साह भर दिया। इस अवसर पर विभिन्न ग्रामों से आयी हुई प्रगतिशील कृषक महिला एवं अन्य कृषक समूहों की महिलायें जैसे अम्बिका समूह की श्रीमती सपना राजपूत , शान्ति समूह से श्रीमती तनुजा ठाकुर , रजौआ की ज्योति समूह से श्रीमती रजनी सेन तथा अन्य कृषक महिलाओं के साथ - साथ 80-85 महिलाओं ने भी भाग लिया।
कार्यकम के दूसरे चरण में बदौना ग्राम की लगभग 80 वर्ष की बुजुर्ग महिला श्रीमती बेटी बाई का शॉल श्रीफल से सम्मान करते हुए नारी शक्ति की महत्ता को प्रतिपादित किया। इसके अतिरिक्त केन्द्र के वैज्ञानिक डॉ व ममता सिंह ,. वैशाली शर्मा , डॉली पी. सित , डॉ 0 स्मिता दीपा एवं श्रीमती सरोज सिंह द्वारा रंगोली, झोहिंग व मेंहदी प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया जिससे कमशः प्रथम स्थान प्राप्त महिलाओं को पुरुष्कृत करने के साथ - साथ समस्त कृषक महिलाओं को पोषण वाटिका हेतु सब्जी मिनीकिट का वितरण भी किया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. एम. पी दुबे द्वारा किया गया तथा विशिष्ट अतिथि के रूप में, डॉ जे. पी. खरे एवं डॉ. डी. के. प्यासी , श्री धर्मेन्द्र आदि उपस्थित थे। इस अवसर पर श्री राजीव सिंह , श्री आशीण पटेल , अंकित जैन , श्री भट्ट जी एवं श्री मनीष तिवारी आदि प्रगतिशील कृषक एवं अधिकारियों का सहयोग भी रहा। कार्यक्रम का संचालन डॉ. डी. पी. सिंह एवं आभार प्रदर्शन डॉ. वैशाली शर्मा द्वारा किया गया