अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर स्थानीय पुलिस परेड ग्राउण्ड पर महिला सम्मान समारोह आयोजित किया गया। महिला स्व सहायता समूहों की सदस्यों ने कार्यक्रम स्थल पर अपने स्टॉल लगाकर उत्पादों का प्रदर्शन व विक्रय किया। कार्यक्रम में उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल करने वाली महिलाओं ने अपनी सफलता की कहानी सुनाकर उपस्थित अन्य महिलाओं को प्रेरित किया। इस अवसर पर जिला पंचायत की अध्यक्ष श्रीमती हसीना बाई भाटे, जनपद अध्यक्ष श्रीमती चन्द्रकला पटेल, जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीमती नंदा भलावे कुशरे, अपर कलेक्टर श्री एस.एल. सिंघाड़े, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव श्री हरिओम अतलसिया, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्रीमती सीमा अलावा, एसडीएम खण्डवा डॉ. ममता खेड़े, पंधाना एसडीएम श्रीमती आरती सिंह, डिप्टी कलेक्टर श्रीमती अनुभा जैन, जिला महिला बाल विकास अधिकारी श्रीमती नवीता शिवहरे, सहायक संचालक महिला बाल विकास श्रीमती मीना कांता एक्का, विधायक प्रतिनिधि श्रीमती प्रमिला एतालकर, जिला खेल अधिकारी सुश्री रूचि शर्मा सहित विभिन्न अधिकारी इस अवसर पर उपस्थित थे। अतिथियों द्वारा कार्यक्रम का शुभारंभ कन्या पूजन कर किया गया।
स्वसहायता समूहों की महिलाओं ने स्टॉल लगाकर सामग्री विक्रय की
महिला दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में जिले के विभिन्न ग्रामों से आईं महिला स्वसहायता समूह की सदस्यों ने अपने अपने उत्पादों का प्रदर्शन व विक्रय करने के लिए स्टॉल लगाए थे। इनमें खण्डवा के ग्राम लोहारी के सूरज आजीविका समूह की महिलाओं द्वारा तैयार मूंग की दाल व सुरजना के पत्ते की पोष्टिक लड्डू सभी के आकर्षण का केन्द्र थे। समूह की सचिव श्रीमती देवी चाकरे ने बताया कि उनके लड्डू रामपुरा, आशापुर व झिंझरी के अति कुपोषित बच्चों का कुपोषण दूर करने के लिए प्रदाय किए जाते है। इस व्यवसाय से महिलाओं की आर्थिक स्थिति भी सुधर रही है।
सुन्दरदेव के महिला स्वसहायता समूह द्वारा बांस की डलिया, सूप व अन्य उत्पादों का विक्रय स्टॉल लगाकर किया गया। समूह की सचिव श्रीमती जमना बाई ने बताया कि 10 माह पूर्व उनका समूह स्थापित हुआ था, तब से समूह की सभी महिलाओं की आर्थिक स्थिति में धीरे धीरे सुधार आ रहा है, पहले समूह की सभी महिलाएं मजदूरी करती थी, जिसमें इतनी बचत नहीं होती थी। बॉंस के उत्पादों को बेचकर महिलाओं की आर्थिक स्थिति सुधर रही है। समूह की अध्यक्ष श्रीमती संगीता बसौढ़ ने बताया कि उनके द्वारा तैयार बॉंस की सामग्री हाथो हाथ बिक जाती है।
पहले संघर्ष कर खुद सीखा, अब दूसरों को ब्यूटी पॉर्लर की ट्रेनिंग दे रही हैं
कार्यक्रम में संघर्ष कर आगे बढ़ी महिलाओं व बालिकाओं ने अपनी सफलता की कहानियॉं सुनाकर उपस्थित अन्य महिलाओं को प्रेरित किया। इस दौरान सुश्री ज्योति जोन ने बताया कि उनका ब्यूटीपॉर्लर का व्यवसाय है। अपनी 1 साल व साढ़े 3 साल की 2 बेटियां के पालन पोषण के साथ साथ उन्होंने ब्यूटी पॉर्लर की ट्रेनिंग ली। शुरू के 3 माह उनका छोटा सा ब्यूटी पॉर्लर बिल्कुल नही चला, तो निराशा होने लगी लेकिन हिम्मत नही हारी। कुछ दिनों में व्यवसाय चल निकला धीरे धीरे काम इतना मिला कि अन्य लड़कियों को ट्रेनिंग देकर पॉर्लर में काम पर लगाया, आज उनके द्वारा प्रशिक्षित 10 लड़किया अपने अलग अलग ब्यूटी पॉर्लर प्रारंभ कर चुकी है।
ताइक्वांडो में प्राप्त गोल्ड मेडल के साथ मिली प्रोत्साहन राशि से परिवार का सम्मान बचाया
ताइक्वांडो खिलाड़ी आरती वर्मा ने अपने संघर्ष की कहानी सुनाई। आरती वर्मा ने बताया कि वह 12 वर्ष की उम्र से ताइक्वांडो की ट्रेनिंग लेने लगी थी। राष्ट्रीय स्तर पर गोल्ड मेडल हासिल करने पर मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान से प्राप्त 2.40 लाख रूपये की पुरूस्कार राशि से उन्होंने अपने पिता का कर्जा चुकाया और उसी समय उनकी बड़ी बहन की शादी में इस राशि से पिता की मदद की और शादी का खर्चा उठाया। इसके अलावा कुश्ती की राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल करने वाली कु. अनेरी सोनकर ने भी अपने अनुभव सुनाएं और उपस्थित महिलाओं को प्रेरित किया।