करोड़ों रूपये खर्च कर जिला मुख्यालय पर बनाये गये मॉडल स्कूल में व्यवस्थाएं गली - कूचों से भी बदतर मिली। स्कूल परिसर में गोबर के ढेर लगे थे और पास में ही उपले थापे जा रहे थे। स्कूल भवन के एक कोने पर ही गौवंश बंधा था और पूरे परिसर में गंदगी बिखरी थी। भवन के अंदर भी यही हालात थे।
संयुक्त संचालक शिक्षा कार्यालय ग्वालियर से सोमवार को उप संचालक श्री विकास जोशी अचानक मॉडल स्कूल के निरीक्षण करने पहुंचे। खंड शिक्षा अधिकारी श्री आरएस तरेटिया को साथ लेकर पहुंचे। उप संचालक आदर्श विद्यालय (मॉडल स्कूल) का नजारा देखकर हैरान रह गये। नाला नम्बर एक किरारे विवेकानन्द कॉलोनी के पास निर्मित मॉडल स्कूल परिसर में मुख्य सड़क से प्रवेश करने के बाद उन्होनें देखा कि पूरे परिसर में पशुओं का गोबर बिखरा पड़ा है। भवन के अन्दर सफाई नहीं थी। हॉस्टल के कमरों में गंदगी थी और बदबू आ रही थी। भवन की पुताई नहीं थी और विद्यार्थी यहां - वहां घूम रहे थे। साइकिल स्टैंड व्यवस्थित नहीं थी और परिसर में पशु बंधे हुये पाये गये। विद्युत उपकेन्द्र और विद्यालय भवन के बीच का पुरा हिस्सा लोगों ने अपने कब्जे में कर लिया है। यहीं पास में संचालित शासकय प्राथमिक विद्यालय का रास्ता भी बंद रहता है। मॉडल स्कूल परिसर में कुछ लोग मिट्रटी के बर्तन भी बनाते मिले।
लैब के कक्षों के दरवाजों पर लटके मिल ताले
लैब पर ताले पाये जाने का कारण पूछने पर प्राचार्य श्री श्याम सिंह तोमर ने बताया कि प्रभारी प्रश्नपत्र लेने गये हैं। लैब की स्थिति देखकर उप संचालक श्री जोशी ने प्राचार्य से सवाल किया कि इसका उपयोग भी होता है या नहीं। हालत देखकर ऐसा लग रहा था कि लैब महीनों से खुली नहीं है। उसमें उपयोगी सामान भी नहीं था। अन्य स्टॉफ के बारे में भी यही जानकारी दी गई। शौचालय भी गंदे थे और विद्यार्थी की सुविधा का कोई ध्यान नहीं रखा जा रहा है। प्राचार्य ने बताया कि हॉस्टल की वजह से स्कूल परिसर में गंदगी ज्यादा होती है। हॉस्टल में पलंग का टोटा था और बिस्तर भी विद्यार्थी अपने घर से लाये है। हॉस्टल के कमरों से बदबू आ रही थी। प्राचार्य ने स्टॉफ बढ़ाने पर जोर दिया। लेकिन विद्यालय और परिसर में गंदगी व अव्यवस्थाओं पर प्राचार्य उप संचालक को कोई संतोषजनक जबाव नहीं दे पाये।
हिटैची से हटवाना पड़ा था कचरे का ढेर
मॉडल स्कूल शुरू हो जाने के बाद भी पीछे के हिस्से में कचरे का 20 फीट से ऊंचा ढेर था। आवाज उठाने पर इस कचरे को नगर निगम ने हिटैची और डंपरों की मदद से हटवाया था। इसके बाद उम्मीद की जा रही थी की नाम के अनुरूप मॉडल स्कूल एक मिशाल पेश करेगा। लेकिन यहां कुप्रबंधन की वजह से अव्यवस्थाएं बढ़ती ही जा रही हैं। न तो यहां नियमित कक्षाएं लगती हैं और न ही प्रायोगिक कार्य कराये जाते हैं। विद्यार्थी समय व्यतीत करने के लिये आते हैं और घर लौट जाते हैं। परिसर में विद्यार्थियों की साइकिल भी यहां - वहां रखी मिलीं।
360 का पंजीयन मौके पर 100 भी नहीं
मॉडल स्कूल में 360 विद्यार्थियों का पंजीयन है, लेकिन उप संचालक शिक्षा श्री जोशी को मौके पर 100 विद्यार्थी भी नहीं मिले। कक्षाएं लग नहीं रही थी और विद्यार्थी परिसर में और भवन में घूम रहे थे।