वैज्ञानिकों द्वारा किया गया मसूर का रीछी गाँव में प्रदर्शन भ्रमण
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पन्ना | 12-फरवरी-2019
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कृषि विज्ञान केन्द्र, पन्ना के डॉ. बी.एस. किरार, वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख, डी.पी. सिंह सस्य वैज्ञानिक एवं रितेश बागोरा, मृदा वैज्ञानिक द्वारा विगत दिवस गाँव रीछी विकासखण्ड पवई में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन अंतर्गत समूह अग्रिम पंक्ति प्रदर्शन मसूर के खेतों का कृषकों के साथ भ्रमण किया गया। भ्रमण के दौरान वैज्ञनिकों ने प्रदर्शन में दी गयी उन्नत किस्म आई.पी.एल.-316 का कृषकों के साथ भ्रमण कर उन्हें नई किस्म की विशेषताओं के बारे में बताया गया। जिसमें किस्म उकठा निरोधक एवं 7-8 क्विंटल प्रति एकड़ उत्पादन क्षमता वाली किस्म है। इसका पौधा अच्छा फैलता है। प्रदर्शन फसल मे जैव उर्वरक-राइजोवियम, पी.एस.बी. स्यूडोमोनास का प्रयोग कराया गया और उकठा (उगरा) रोग से फसल के बचाव हेतु बीज को बुवाई के पूर्व ट्राइकोडर्मा से मृदा उपचार कराकर बुवाई करायी गयी। जिससे उत्पादन में 25-30 प्रतिशत वृद्धि स्थानीय पद्धति की तुलना में अधिक होगी। प्रदर्शन भ्रमण के बाद कृषक संगोष्ठी के दौरान फसल में सरसों के अवांछनीय पौधों को निकालने की सलाह दी गयी क्योंकि सरसों के पौधों से मसूर के पौधों की वृद्धि फूल एवं फलन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। जिससे उत्पादन कम प्राप्त होता है और सरसों मे माहू का प्रकोप मसूर फसल में भी हानि पहुंचाता है साथ ही मसूर में सरसों के मिश्रण होने से उत्पादन की गुणवत्ता खराब होने के कारण बाजार में उचित भाव नही प्राप्त होता है जिससे कृषि के आशानुरूप लाभ प्राप्त नही हो पाता है।
(11 days ago)
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