
कृषि विज्ञान केन्द्र, देवास द्वारा विकासखण्ड खातेगांव के समस्त कृषि विस्तार अधिकारी, ब्लॉक टेक्नोलॉजी मैनेजर एवं असिस्टेंट टेक्नोलॉजी मैनेजर के लिए वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी कार्यालय में एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। प्रशिक्षण में कृषि के मैदानी अधिकारियों को कृषि की नवीन विकसित तकनीकियों से अवगत कराया गया। प्रशिक्षण में अधिकारियों को बताया गया कि कृषकों के बीच में तकनीकी को प्रसारित कर उत्पादन में वृद्धि की जा सके।
कार्यक्रम के प्रथम चरण में डॉ. अशोक कुमार दीक्षित, प्रधान वैज्ञानिक एवं प्रमुख द्वारा प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा विश्व खाद्य दिवस के अवसर पर देश को समर्पित नवीन प्रजातियां जैसे-गेहूं की पूसा वानी, अहिल्या, डी.बी.डब्ल्यू-47 एवं मक्के की एल.क्यू.एम.एच-1, एल.क्यू.एम.एच-2, एल.क्यू.एम.एच-3 आदि के संबंध में जानकारी दी गई। साथ ही अधिक पोषक तत्वों से भरपूर प्रजातियों को अपनी खेती में शामिल कर कुपोषण की समस्या से छुटकारा हेतु अवगत कराया।
प्रशिक्षण में कृषि वैज्ञानिक डॉ. के.एस.भार्गव ने बुवाई की उन्नत तकनीक जैसे रेज्ड बेड पद्धति को अपनाकर सही बीज एवं खाद की मात्रा का उपयोग करने हेतु प्रेरित किया। डॉ. सविता कुमारी ने रबी फसलों में समन्वित पोषक तत्व प्रबंधन के माध्यम से उर्वरकों की उपयोग क्षमता बढ़ाने हेतु खाद एवं उर्वरक की सही मात्रा सही समय पर सही विधि से देने संबंधी जानकारी दी। जिससे लागत मूल्य को कम कर अधिक से अधिक लाभ प्राप्त हो सके। कार्यक्रम में कुल 18 कृषि विस्तार अधिकारियों ने भागीदारी की। कार्यक्रम को सफल बनाने में श्री गुर्जर एवं श्री आर.के.वर्मा (कृषि अधिकारी) की अहम भूमिका रही।
प्रशिक्षण के दूसरे सोपान में विकासखण्ड खातेगांव के ग्राम पिपाल्यानानकार में कृषकों को कृषि यंत्रीकरण के नवीन अनुसंधान से अवगत कराया गया जिससे कृषि को कम समय में संपन्न किया जाकर विविध आपदाओं से लड़ने में सहायता प्राप्त हो सके।
प्रशिक्षण में डॉ. के.एस.भार्गव ने बुवाई की नवीन उन्नत तकनीकियों जैसे रेज्ड बेड, रिज एंड फरो, ब्रॉडबेड फरो आदि तकनीकों से बुवाई करने की सलाह दी। डॉ. सविता कुमारी ने देशी खादों को कैसे सफल तरीके से तैयार करें, जिससे पोषक तत्वों की हानि कम से कम हो और खेत में दीमक की समस्या उत्पन्न न हो, तदाशय संबंधी जानकारी दी। साथ ही देशी खादों के उपयोग से मिट्टी की संरचना को सुधार कर भुरभुरापन, जल रिसाव, जड़ विकास एवं उर्वरक उपयोग क्षमता को बढ़ाये जाने संबंधी जानकारी दी। कृषक प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान कृल 35 किसानों द्वारा भागीदारी की गई जिसमें कृषि विभाग के अनुविभागीय अधिकारी श्री गुर्जर, वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी और कन्नौद से श्री वर्माे, वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।