बाल अधिकार सप्ताह हर साल 14 नवंबर से 20 नवंबर के बीच मानाया जाता है लेकिन इस वर्ष दीपावली अवकाश होने के चलते यह सप्ताह 16 नवंबर से 22 नवंबर तक मनाया जा रहा है। यह कार्यक्रम मध्यप्रदेश में यूनिसेफ के अंतर्गत ’आवाज’ द्वारा चलाया जा रहा है। इस सप्ताह का नाम ’महफूज’ है। इस शब्द का अर्थ है- संरक्षण । यह अभियान ऑनलाईन व ऑफलाईन दोनों ही माध्यमों से देश में चलाया जा रहा है। बाल अधिकार सप्ताह की गतिविधियों को ’7 दिन 7 मुद्दे’ शीर्षक के रूप में चिन्हित किया गया है ।
बालाघाट जिले की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाईयां डॉ0 अशोक मराठे कार्यक्रम समन्वयक (रा.से.यो.) रानी दुर्गावती वि0वि0 जबलपुर के निर्देशन व श्री डी0आर0 सिरामे जिला संगठक (रा.से.यो.) के मार्गदर्शन में 7 दिन 7 मुद्दे शीर्षक को लेकर प्रतिदिन ’आवाज’ से भेजे गये पोस्टरों को रा.से.यो. के कार्यक्रम अधिकारियों व स्वयं सेवकों द्वारा फेसबुक/इन्सटाग्राम/व्हाट्अप में शेयर कर बाल अपराध के विरूद्ध पूरे देश ही नहीं बल्कि विश्व में जनजागरूकता का प्रचार-प्रसार किया जा रहा है।
बालाघाट जिले के जिला संगठक श्री डी0आर0 सिरामें ने बताया कि ’7 दिन 7 मुद्दे’ के अंतर्गत प्रत्येक दिवस अलग-अलग विषयों पर पोस्टर शेयर व अन्य जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे है। कार्यक्रम के प्रथम दिवस- बाल संरक्षण अधिकार, द्वितीय दिवस-बाल शोषण और बाल लैंगिक शोषण, तृतीय दिवस-बाल-श्रम, चतुर्थ दिवस-बाल-विवाह, पंचम दिवस-बाल तस्करी, षष्ठम दिवस-बाल भिक्षावृति व सप्तम दिवस ’बालकों के साथ क्रुरता/बाल अपराध जैसे विषयों पर कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे है।
इस साप्ताहिक कार्यक्रम को बनाने में बालाघाट जिले की सभी रा.से.यो. इकाईयां लगातार प्रयासरत है तथा समस्त कार्यक्रम अधिकारी एवं स्वयं सेवक लगातार पेंटिंग/पोस्टर/नारे-लेखन आदि के माध्यम से बाल अधिकार व बालकों का संरक्षण का प्रचार-प्रसार कर रहे है।