बी.जी.रोड से लगी बेशकीमती भूमि पर किए गए अतिक्रमण हटाने जिला दण्डाधिकारी ने दिए आदेश
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गुना | 01-जनवरी-2021
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कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री कुमार पुरूषोत्तम ने कहा है कि शासन अपनी शासकीय भूमि का उपयोग लोकहित में करने के लिए स्वतंत्र है। उन्होंने गुना शहर तहसीलदार परगना को आदेशित किया है कि वह बी.जी.रोड से लगी बेशकीमती भूमि पर किए गए अतिक्रमण को अतिक्रमणकर्ताओें से मुक्त कराएं, विधि अनुसार कार्रवाई करें एवं प्रतिवेदन जिला दण्डाधिकारी न्यायालय में प्रस्तुत करें। उक्त भूमि अतिक्रमण मुक्त होने पश्चात भूमि का अधिपत्य मुख्य नगर पालिका अधिकारी नगर पालिक परिषद गुना को सौपा जाए। उन्होंने यह बात गुना के निवासी अखिलेश पुत्र श्री सुख चन्द, डॉ.प्रीतेश पुत्र सुखचंद जैन, डॉ.राहुल पुत्र श्री सुखचंद जैन, श्रीमति उषा भोसले पत्नि गोविन्द राव मोरे तथा श्रीमति अनीता साहू द्वारा जिला दण्डाधिकारी न्यायालय में भूमि सर्वे नंबर 1035/मिन-1 रकबा 0.533 हेक्टर में से रकबा 0.209 हेक्टेयर भूमि यात्री प्रतिक्षालय एवं आटो स्टेण्ड हेतु म.प्र.शासन नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग को आवंटित करने पर स्थानीय निवासियों का रास्ता अवरूद्ध हो जाएगा, कि आपत्ति लगायी गई पर सुनवाई करने उपरांत अपने निर्णय में कही है। इस आशय के पारित आदेश में उन्होंने कहा है कि प्रश्नाधीन भूमि ग्राम कस्बा गुना सर्वे क्रमांक 1035/मिन-1 कुल रकबा 0.533 शासकीय नजूल पठार के रूप में खसरे में दर्ज है। इस भूमि के निकट लगी भूमि पर साई टाउनशिप कालोनी का निर्माण कालोनाईजर द्वारा किया गया है। कालोनीवासियों के मकानों का रास्ता कालोनी का अनुमोदित नक्शा अनुसार कालोनी में रास्ता स्थित है जिसका वह उपयोग करते हैं। प्रश्नाधीन नजूल भूमि में से कोई रास्ता कायम नही है। उक्त कालोनी के भवन स्वामियों द्वारा मुख्य द्वारा का निर्माण कालोनी रास्ते पर तथा भवन का पिछला द्वार शासकीय नजूल पठार भूमि पर अवैधानिक रूप से निकाला गया है तथा यह प्रदर्शित किया गया है कि मुख्य रास्ता शासकीय नजूल भूमि में है। जबकि अनावेदकगण द्वारा शा. नजूल भूमि पर अवैध रूप से कब्जा कर लिया है, जबकि उक्त भूमि शासकीय नजूल है। पूर्व से नक्शे में कोई रास्ता कायम नही है। मुख्य रोड के निकट वेश कीमती भूमि पर अतिक्रमण पूर्ण रूप से अवैध है। जिसे मुक्त कराया जाना अति आवश्यक है। भूमि बी.जी. रोड से लगी होने से कई अतिक्रमणधारियों द्वारा भूमि पर अतिक्रमण कर उक्त भूमि का उपयोग व्यापार के उद्देश्य से भी किया जा रहा है, जो कि गैरकानूनी है। उक्त कारण से आपत्तिकर्ताओं के अभिभाषक का बिना साक्ष्य के यह तर्क है कि शासकीय नजूल भूमि में उनका रास्ता है तथा उन्हें आवागमन में परेशानी होगी उनके निवास के मकानों के दरवाजों के आगे रास्ते की पर्याप्त चौडाई नही रहेगी यह मार्ग मुख्य मार्ग है, प्रस्तुत तर्क पूर्णतय: असत्य है। उक्त प्रश्नाधीन शासकीय नजूल भूमि आपत्तिकर्ताओं के मकान के पीछे स्थित है जो कि बेशकीमती भूमि है। जिस पर आपत्तिकर्ताओं व अन्य लोगों द्वारा अवैध अतिक्रमण किया गया है तथा उक्त शासकीय नलूज भूमि का उपयोग अवैध कब्जा करके भूमि का उपयोग व्यापारिक रूप से दुकान बनाकर किया जा रहा है। शासन अपनी शासकीय भूमि का उपयोग लोकहित में करने हेतु पूर्णत: स्वतंत्र है।
(16 days ago)
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