मुर्गे-मुर्गियों की बीमारियों से बचाव के लिये बरतें सावधानी व उपाय
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कटनी | 11-जनवरी-2021
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पक्षियों को बर्ड फ्लू एवं अन्य कई बीमारियां हो सकती हैं। ये बीमारियां एक पक्षी से दूसरे पक्षी में व दूषित पानी से अथवा प्रभावित पक्षी के मल-मूल पंखों आदि के जरिये पूरे झंड को तेजी से प्रभवित कर सकती हैं। इससे बचाव के लिये विभिन्न तरीके अपनाने के लिये एडवाईजरी जारी की गई है। एडवायजरी के तहत पक्षियों से दूरी बनाये रखने के लिये कहा गया है। पक्षियों को बाड़ें में बंद रखने, केवल पॉल्ट्री फॉर्म की देखभाल करने वालों को ही पक्षियों के पास जाना चाहिये। अनावश्यक लोगों को बाड़े में प्रवेश न करने दें। मुर्गे-मुर्गियों को दूसरे पक्षियों व पशुओं से से अलग रखा जाये। इसी प्रकार विशेष साफ-सफाई का ध्यान रखने के लिये आवश्यक उपाय करने के लिये भी कहा गया है। बाड़े में और उसके आसपास साफ-सफाई बहुत आवश्यक है। इस प्रकार जीवाणु और विषाणुओं से बचा जा सकता है। पक्षियों के बाड़ों को साफ-सथरा रखनें और पक्षियों को भोजन, पानी भी रोजाना बदलना चाहिये। पॉल्ट्री फॉर्म अथवा बाड़े को नियमित रुप से संक्रमण मुक्त करते रहने के लिये भी कहा गया है। एडवाजरी में अपने आपको और बाजार या अन्य फॉर्मों में अन्य पक्षियों के संपर्क में आने वाली हर चीज की साफ-सफाई रखन के लिये भी कहा गया है। वहीं नये पक्षियों को कम से कम 30 दिन तक स्वस्थ्य पक्षियों से दूर रखना चाहिये। बीमारी को फैलने से रोकने या बचाव के लिये पॉल्ट्री फॉर्म के संपर्क में आने से पहले और बाद में अपने हाथ कपड़ों और जूतों को धोने तथा संक्रमण मुक्त करना भी आवश्यक है। बचाव के लिये पक्षियों पर नजर रखने, यदि अधिक पक्षी मर रहे हों, तो आंखों, गर्दन और सिर के आसपास सूजन होने, रिसाव हो रहा है, पंखों, कलगी और टांगों का रंग बदल रहा है, और पक्षी अण्डे कम देने लगे हैं, तो यह सब खतरे के संकेत हैं। पक्षियों में अचानक कमजोरी, पंख गिरने और हरकत कम होने पर नजर रखने की सलाह भी दी है। साथ ही पक्षियों में असामान्य बीमारी अथवा मौत की सूचना तुरंत नजदीकी पशु उपचार केन्द्र को भी देने के लिये कहा गया है।
(45 days ago)
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