तम्बाकू नियंत्रण कानून के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए अधिकारियों का उन्मुखीकरण कार्यक्रम सम्पन्न
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नरसिंहपुर | 11-जनवरी-2021
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तम्बाकू नियंत्रण कानून के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए अधिकारियों का उन्मुखीकरण कार्यक्रम सोमवार को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में कलेक्टर श्री वेद प्रकाश की अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ। इसमें अपर कलेक्टर श्री मनोज ठाकुर, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री केके भार्गव, संयुक्त कलेक्टर श्री राजेश शाह, सीएमएचओ डॉ. पीसी आनंद, डॉ. गुलाब खातरकर सहित अन्य जिला प्रमुख अधिकारी उपस्थित रहे। बैठक में बताया गया कि भारत सरकार ने तम्बाकू आपदा से लोगों को बचाने के लिए तम्बाकू नियंत्रण कानून कोटपा-2003 बनाया है। इस कानून की धारा 4 के अनुसार सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान प्रतिबंधित है और अगर कोई व्यक्ति सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान करता है तो उस पर 200 रूपये तक का जुर्माना किया जा सकता है। धारा 5 के अनुसार किसी भी तम्बाकू उत्पाद का विज्ञापन या प्रायोजन प्रतिबंधित है, धारा 6 अ के अनुसार नाबालिगों को/ के द्वारा तम्बाकू उत्पाद बेचना प्रतिबंधित है, धारा 6 बी अनुसार शैक्षणिक संस्थानों के 100 गज (300 फिट) के दायरे में तम्बाकू उत्पाद बेचना प्रतिबंधित है, धारा 7 के अनुसार तम्बाकू उत्पादों के 85 प्रतिशत हिस्से पर चित्रात्मक स्वास्थ्य चेतावनी अनिवार्य है। यह बात तम्बाकू नियंत्रण कानून के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम में बताई गई। प्रशिक्षण का आयोजन स्वास्थ्य विभाग और मध्य प्रदेश वालंटरी हेल्थ एसोसिएशन द्वारा इंटरनेशनल यूनियन अगेन्स्ट ट्यूबरक्यूलोसिस एंड लंग डिसिज (द यूनियन) के सहयोग से किया गया। इस प्रशिक्षण में विभाग को उनकी जिम्मेदारियों से अवगत कराया गया और उन्हें तम्बाकू नियंत्रण और तम्बाकू नियंत्रण कानून के प्रभावी रूप से क्रियान्वयन के लिए क्या करने की जरूरत है के बारे में बताया गया। प्रशिक्षण में सम्भाग समन्वयक श्री संजय शर्मा ने बताया कि तम्बाकू नियत्रंण के लिए विभिन्न विभागों का समन्वय अत्यंत आवश्यक है। इसके लिए जरूरी है कि:- जिला स्तरीय तम्बाकू नियंत्रण समिति की त्रैमासिक अंतराल पर नियमित बैठक आयोजित कर तम्बाकू नियंत्रण कानून का परिपालन सुनिश्चित किया जाए। अवयस्कों को तम्बाकू उत्पाद बेचने पर कड़ी कार्यवाही की जावे। तम्बाकू उत्पादों के विज्ञापन, प्रायोजन आदि पर कार्यवाही की जाए और समस्त तम्बाकू उत्पादों के विज्ञापन पूरी तरह से हटाए जाए। शैक्षणिक संस्थानों के 300 फिट के दायरे में तम्बाकू उत्पादों की दुकान हटाई जाए एवं शैक्षणिक संस्थानों के 300 फिट के दायरे में पीली रेखा बनाकर चिन्हित किया जाए। तम्बाकू उत्पाद की दुकानों पर धारा 6अ के अंतर्गत निर्धारित सूचना-पटल अनिवार्य रूप से लगाए जाए। शैक्षणिक संस्थान के मुख्य द्वार पर तम्बाकू मुक्त शैक्षणिक संस्थान- इस शैक्षणिक संस्थान के 100 गज (300 फिट) के दायरे में किसी भी प्रकार के तम्बाकू उत्पाद बेचना अपराध है एवं उल्लंघन करने वालों पर 200 रूपये तक का जुर्माना हो सकता है, का बोर्ड लगवाया जाए। राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कानून के अंतर्गत विभिन्न विभागों का समन्वय किया जाए। प्रतिमाह आयोजित होने वाली पुलिस विभाग की क्राईम रिव्यू मीटिंग में तम्बाकू नियंत्रण कानून के परिपालन की समीक्षा नियमित रूप से की जाए। पंचायत सचिवों के माध्यम से पंचायत के अंतर्गत आने वाले सभी गाँव में तम्बाकू नियंत्रण कानून का पूर्ण रूप से परिपालन करवाया जाए। भारत में 12 से 13 लाख लोगों की मौत का कारण तम्बाकू से होने वाली बीमारियाँ हैं।
(5 days ago)
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