प्रदेश में बर्ड फ्लू की दस्तक के बाद जिला भी अलर्ट हो गया है। स्थिति को देखते हुए जिले में जिला स्तरीय एवं विकास स्तरीय बर्ड फ्लू रेपिड रिसपोन्स टीम का गठन किया गया है। पक्षियों एवं मुर्गियों की असमान्य मृत्यु होने पर तत्काल जिला मुख्यालय को सूचित किया जाये। पोल्ट्री एवं पोल्ट्री उत्पाद बाजार, फार्म, जलाशयों एवं प्रवासी पक्षियों पर विशेष निगरानी रखने निर्देश दिए गए हैं। जिले के आम जन से अनुरोध है कि अपने पक्षियों पर नजर रखें।
बर्ड फ्लू रोग के लक्षण
पक्षियों के आंख, गर्दन और सिर के आसपास सूजन आना, आंखों से रिसाव होना। कलगी और टांगों में नीलापन आ जाना, अचानक कमजोरी एवं पंख गिरना, पक्षियों की हरकत में कमी आना, पक्षियों का आहार लेना कम कर देना एवं अण्डा उत्पादन में कमी, असामान्य रूप से अधिक पक्षियों की मृत्यु होना। इस संबंध में किसी भी प्रकार की जानकारी प्राप्त होती है तो जिला मुख्यालय एवं नजदीकी पशु चिकित्सा केन्द्र/बर्ड फ्लू रेपिड रिसपोन्स टीम के मोबाईल नम्बर पर सूचना दें। अधोहस्ताक्षरी द्वारा वन विभाग एरिया अंतर्गत आने वाले जलाशयों का भ्रमण किया गया एवं बताया गया कि जलाशयों में आने वाले पक्षियों में असामायिक मृत्यु होने पर तत्काल विभाग को सूचित करें।
डेली रिपोर्ट
11 जनवरी को जिले के विकासखण्ड मण्डला में 1, वि.ख. नारायणगंज के ग्राम बाबादेवरी में -1, नैनपुर वि.ख. के नैनपुर में -2, मवई विकासखण्ड के ग्राम सकवाह में -1, निवास वि.ख. के ग्राम पिपरिया में -1, वि.ख. घुघरी के ग्राम सलवाह में -1, कुल 7 कौंओं की मृत्यु हुई है। अब तक जिले में 22 पक्षियों की मृत्यु हुई है, जिसमें से 3 मृत पक्षियों के सेम्पल रोग अनुसंधान प्रयोगशाला भोपाल को भेजे गये हैं।
मुर्गे-मुर्गियों को बीमारियों से बचाव के लिए उपाय
पक्षियों को बर्ड फ्लू एवं अन्य कई बीमारियां हो सकती है। ये बीमारियां एक पक्षी से दूसरी पक्षी में व दूषित पानी से अथवा प्रभावित पक्षी के मल-मूत्र पंखों के जरिये पूरे झुंड को तेजी से प्रभावित कर सकती है। पक्षियों को बाड़े में बंद रखें। केवल पोल्ट्री फार्म के देखभाल करने वालों को ही पक्षियों के पास जाना चाहिए। बाडे़ में एवं उसके आसपास साफ-सफाई रखें। पक्षियों का भोजन और पानी रोजाना बदलें। नये पक्षियों को कम से कम 30 दिनों तक स्वस्थ पक्षियों से दूर रखें। पॉल्ट्री के संपर्क में आने से पहले और बाद में अपने हाथ, कपड़ों और जूतों को संक्रमण मुक्त करें। पक्षियों में किसी भी प्रकार की बीमारी की सूचना मिलने पर तुरंत नजदीकी पशु चिकित्सा संस्था को सूचित करें। सामान्यतः बर्ड फ्लू का वायरस 70 डिग्री सेल्सियस पर नष्ट हो जाता है। अण्डे व चिकन 70 डिग्री सेल्सियस तापमान पर 30 मिनिट तक पका कर खाने में कोई नुकसान नहीं है।