मंदसौर जिले की मीनाकारी कला प्रदेश के साथ देश में अपना स्थान बनाएगी - खुशियों की दास्तां
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सरकार का अभिनव प्रयास आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश देगा इसको नया निखार
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मन्दसौर | 19-जनवरी-2021
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 मंदसौर जिले में की जा रही मीनाकारी कला प्रदेश का गौरव है। आने वाले कुछ समय में यह कला न सिर्फ प्रदेश का नाम गौरवान्वित करेगी, बल्कि इस कला से देश का भी नाम गौरवान्वित होगा। भारत में आजादी के पूर्व तक कुछ कलाए ऐसी जिसके कारण भारत का नाम व हस्तशिल्प कला के क्षेत्र में अग्रणी था। लेकिन अंग्रेजों के आगमन के पश्चात विऔधोगिकरण के कारण कुछ कला पतन की ओर अग्रसर हो गई। लेकिन कुछ कलाओं ने अपना नाम एवं पहचान अभी तक छुपा के रखी हैं। अपने क्षेत्र में अपनी एक अलग पहचान लिए हुए हैं। प्राचीन समय में राज रजवाड़े, भारतीय शासकों ने इन कला विशेष संरक्षण प्रदान किया। जिसकी वजह से यह कला न सिर्फ भारत जबकि एशियाई देशों, पश्चिमी देशों तक फैली। इस कला के संदर्भ में अगर बात की जाए तो मीनाकारी कला मंदसौर जिले की एक पहचान है। यह कला भारत के साथ-साथ विदेशों में दुबई तक अपनी पहचान बना चुकी है। मंदसौर जिले में इस कला को शबनम परवीन के द्वारा किया जाता है। शबनम परवीन बताती हैं, कि इस कला को काफी समय से कर रहे हैं। इस कला की डिमांड भी बहुत ज्यादा है। इसको बनाने के लिए इनके द्वारा कच्चा मटेरियल मुंबई एवं अहमदाबाद से लाया जाता है। इनको बनाने में रबर, कलर, डाई अन्य रो मटेरियल उपयोग किए जाते हैं। एक बर्तन को बनाने में लगभग इनको 3 दिन का समय लगता है। तब जाकर एक बर्तन पर मीनाकारी कला पूर्ण होती है। साथ ही यह कला इतनी मजबूत हैं, कि उस बर्तन का ताउम्र कुछ नहीं बिगड़ता है। शबनम परवीन उम्मीद करती हैं, कि मध्य प्रदेश सरकार की योजना आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश के तहत मीनाकारी कला को भी प्रोत्साहन किया गया है। इस कला को बढ़ाने में जिला प्रशासन विशेष रूप से अग्रणी है। मीनाकारी कला को वैश्विक रूप प्रदान करने के लिए प्रदेश सरकार के साथ-साथ प्रशासन एवं हम सब मिलकर अथक प्रयास कर रहे हैं।
(39 days ago)
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