बालाघाट जिले में मौजूद धान की विविधता व परंपरागत देशी सुगन्धित किस्मों की व्यापक उपलब्धता है। आत्मनिर्भर भारत के आत्मनिर्भर किसानों के लिए भविष्य की कार्य योजना के विचारों को दृष्टिगत करते हुए 26 जनवरी 2021 के गणतंत्र दिवस उत्सव में किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग की छत्रछाया में कृषि विज्ञान केंद्र और कृषि महाविद्यालय, बालाघाट ने एक टीम के रूप में इस झांकी को वृहद स्तर पर तैयार किया।
आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ते किसान इन्हीं किस्मों के माध्यम से 04 से 05 हजार रुपये धान प्रति क्विंटल (90-100 किलो चावल) की आय सुनिश्चित करतें हैं और शासन द्वारा खरीदी से कहीं ज्यादा मुनाफा और शुद्ध लाभ उत्पन्न करतें हैं। नैसर्गिक रूप से इन देशी सुगंधित किस्मों के खेतों में न तो किसान रासायनिक खाद डालता है और न ही इनमें बीमारियां और कीट व्याधि बहुत व्यापक स्तर पर आतीं हैं, इसलिए जैविक उत्पादन की विधि इसमें बहुत स्वाभाविक रूप से अपनाई जाती है।
ऐसे विचारों से सुसज्जित इस वर्ष की झांकी, तीनों संस्थाओं के संयुक्त रूप से एक अभिनव और भविष्य में क्रांतिकारी कृषि परिवर्तन की झलकी प्रदर्शित करती है। झांकी में जहाँ “एक जिला : एक उत्पाद” तथा “चिन्नौर को मिलने वाले GI Tag” और इन दोनों से किसान के आत्मनिर्भर होने की परिकल्पना को चरितार्थ किया गया तथा जिले की धान की किस्मों को विश्वस्तरीय पहचान देने हेतु एक प्रयास किया गया और इसी अभिनव एवं ईमानदार प्रयासों से कृषि विभाग की झांकी ने प्रथम स्थान प्राप्त किया है।
कृषि विभाग की इस झांकी निर्माण एवं प्रदर्शन में श्री सी.आर. गौर, उप संचालक कृषि, डॉ आर.एल.राउत, वरिष्ठ वैज्ञानिक कृषि विज्ञान केन्द्र, डॉ. उत्तम बिसेन, वैज्ञानिक कृषि महाविद्यालय, श्री सी बी देशमुख, सहायक संचालक उद्यान के मार्गदर्शन में डॉ. शरद बिसेन, वैज्ञानिक कृषि महाविद्यालय, श्री सुनिल कुमार सोने, उप परियोजना संचालक आत्मा, श्री पी.एल. कोरी, अनुविभागीय कृषि अधिकारी, श्री सी.एस. वरकडे, सहायक कृषि यंत्री, श्री राजेश कुमार खोबरागड़े, सहायक संचालक कृषि, श्री विनय धुर्वे, सहायक संचालक कृषि, श्री हिमांशु टेम्भरे, जिला परार्मश दाता, श्री मनोज पटले सहायक निरीक्षक मंडी बोर्ड, श्री बसंत ढोके, वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी, श्री सुनिल बांगडे, कृषि विकास अधिकारी, श्री यू.के. कटरे, ग्रा.कृ्.वि.अ., श्री हितेश कोडापे, सहा. भूमि.सं., श्री डी.डी. बिसेन, ग्रा.कृ्.वि.अ., श्री आर.एस. झोडे, सहा. ग्रेड-2, श्री विश्वैश्वर भगत, सहा. ग्रेड-3, श्री संजय मडके, प्रक्षेत्र प्रबंधक पीपरझरी एवं समस्त विभागीय अधिकारी/कर्मचारी के सराहनीय सहयोग से झांकी निर्माण एवं प्रदर्शन को सफल सिद्ध किया गया।
(37 days ago)