
देश तथा दुनिया के इतिहास के साथ ही परिवार का इतिहास भी ज्ञात होना चाहिए। इस बात को ध्यान में रखते हुए एसबीएन पीजी कॉलेज का इतिहास विभाग स्वामी विवेकानंद कॅरियर मार्गदर्षन प्रकोष्ठ के साथ मिलकर बी. ए. प्रथम वर्ष के इतिहास विषय के विद्यार्थियों के साथ सीसीई में नवाचार करते हुए उनसे उनकी पांच पीढि़यों का इतिहास लिखवा रहा है। ये बातें कॅरियर काउंसलर डॉ. मधुसूदन चौबे ने कहीं। यह आयोजन प्राचार्य डॉ. एन. एल. गुप्ता के मार्गदर्षन में हो रहा है। डॉ. गुप्ता ने कहा कि इस सीसीई के माध्यम से युवा अपने परिवारों की जड़ों तक पहुंच पायेंगे और उन्हें बहुत सीखने को मिलेगा।
सीसीई में नवाचार
कार्यकर्तागण प्रीति गुलवानिया, विधी लोनारे, राहुल मालवीया, जितेंद्र चौहान ने विद्यार्थियों को पीपीटी के माध्यम से बताया कि सीसीई यानी कंटीन्यूस कांप्रहेंसिव इवेल्यूएशन (सतत् व्यापक मूल्यांकन) उच्च शिक्षा विभाग की बहुत शानदार व्यवस्था है, जिसके माध्यम से विद्यार्थियों के व्यक्तित्व का सर्वांगीण विकास संभव है। सीसीई में नवाचार करते हुए ‘मैं, मेरा परिवार और मेरा देश’ शीर्षक से लघु परियोजना तैयार करवाई जा रही है। इसके माध्यम से विद्यार्थियों को स्वयं को, अपने परिवार को तथा अपने देश को बेहतर ढंग से जानने का अवसर मिलेगा।
लघु परियोजना के अंतर्गत पांच खण्ड होंगे। प्रथम खण्ड में वंशावली बनाते हुए पांच पीढि़यों का इतिहास लिखा जायेगा। द्वितीय खण्ड में पन्द्रह दिनों की डायरी होगी, विद्यार्थी प्रतिदिन प्रातः जागने से रात्रि में सोने तक के अपने कार्यों का अंकन करेंगे। तीसरे खण्ड में विद्यार्थी अपने जीवन का लक्ष्य लिखेंगे। चौथे खण्ड में विद्यार्थी बतायेंगे कि इतिहास विषय किस प्रकार उनके लक्ष्य की पूर्ति में सहायक बन सकता है, साथ ही वे विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे गये इतिहास विषयक प्रश्नों का संकलन भी करेंगे। पांचवें खण्ड में वे भारत के किन्हीं महान ऐतिहासिक व्यक्तित्व की जीवनी लिखेंगे। लेखन पूर्ण होने के बाद प्रस्तुति होगी। इसमें प्रत्येक विद्यार्थी अपने द्वारा संग्रहित की गई जानकारियों को साथी विद्यार्थियों के साथ साझा करेगा।
ये होंगे लाभ
डॉ. चौबे ने बताया कि यह एक महत्वाकांक्षी योजना है, जिसे विद्यार्थी कॅरियर सेल के सहयोग से पूर्ण करेंगे। यह सीसीई विद्यार्थियों को रिसर्च, राइटिंग और प्रजेंटेशन की कला में प्रशिक्षित करेगा। उन्हें इतिहास विषय का ज्ञान भी होगा और परीक्षा की तैयारी होगी। लगभग डेढ़ सौ परिवारों का इतिहास संकलित हो सकेगा।
प्रसन्न हैं विद्यार्थी
विद्यार्थियों ने इस सीसीई योजना पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि घर के वरिष्ठजनों से पूछकर हम परिवार का इतिहास लिखेंगे तो उन्हें भी खुशी होगी। जो इतिहास हम संकलित करेंगे उसकी एक प्रति कॉलेज में जमा और एक प्रति अपने परिवार की धरोहर के रूप में रखेंगे। इस तरह यह सीसीई आजीवन याद रहेगा। इस सीसीई को सम्पन्न करने में सहयोग प्रीति गुलवानिया, किरण वर्मा, जितेंद्र चौहान, डॉ. ज्योति जोशी उपाध्याय, राहुल मालवीया, कोमल सोनगड़े, विधी लोनारे, विनोद मकवाने आदि कार्यकर्ता दे रहे हैं।