मीरा कुशवाहा ने फूलों की खेती को बनाया आजीविका का जरिया "कहानी सच्ची है (अच्छी खबर)"
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निवाड़ी | 17-फरवरी-2021
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 गत वर्ष जहां पूरे देश में कोविड-19 के कारण लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त था, लोग अपना रोजगार छोड़कर घरों को भाग रहे थे, बेरोजगारी बढ़ रही थी, आजीविका के कोई साधन समझ नहीं आ रहे थे, वहीं निवाड़ी जिले के ग्राम लाड़पुरा उत्तरी की श्रीमती मीरा कुशवाहा ने फूलों की खेती को आजीविका का साधन बनाया तथा अपने परिवार की परवरिष की। श्रीमती मीरा कुशवाहा का कहना है कि 2 वर्ष पूर्व उनकी आर्थिक स्थिती अच्छी नहीं थी, थोड़ी सी खेती की जमीन के अतिरिक्त आय का कोई साधन नहीं था, कोरोना के कारण पति घर पर बेरोजगार बैठे थे। श्रीमती मीरा कुशवाहा पूर्व से आजीविका मिशन के अंतर्गत ग्राम के दंतमाई स्व-सहायता समूह से जुडी थीं। समूह से जुड़ने के बाद उन्होंने छोटी राशि उधार ली, जिसे ब्याज सहित पूरा वापिस किया एवं फिर सामुदायिक राशि में से ऋण लिया और आजीविका मिशन के सुझाव अनुसार अपनी जमीन पर गुलाब एवं अन्य फूलों की खेती शुरू की। ग्राम लाड़पुरा उत्तरी ओरछा के पास होने से फूलों की अच्छी बिक्री हुई, जिससे उसे अच्छी आमदनी हुई। इसके पश्चात उनके द्वारा सीसीएल के अंतर्गत बैंक से और ऋण लिया गया और फूलों की खेती को बढ़ाया गया। श्रीमती मीरा कुशवाहा के अनुसार प्रतिदिन 500-600 रूपये के फूलों की बिक्री हो जाती है और प्रतिमाह लगभग 15000 रूपये की आय हो रही है। श्रीमती मीरा कुशवाहा का कहना है कि यदि मैं आजीविका मिशन के समूह से नहीं जुड़ती तो मेरी स्थिती जैसी की तैसी बनी रहनी थी, आजीविका मिशन से जुड़ने के बाद हमारी आर्थिक स्थिती में और रहन-सहन में बहुत बदलाव आया है।
(54 days ago)
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