
कहते हैं ‘भूखे भजन ना होय गोपाला’ अर्थात जब पेट खाली हो तो व्यक्ति का किसी भी काम में ठीक से मन नही लगता। भोजन ही जीवन का आधार है। साथ ही भोजन का संतुलित और गुणवत्ता पूर्ण होना भी जरूरी है, जिससे शरीर के लिए आवश्यक सभी पोषक तत्व मिल सकें। जरूरतमंद लोगों की इसी आवश्यकता को समझते हुए शासन द्वारा नगरीय क्षेत्रों में दीनदयाल अंत्योदय रसोई योजना का संचालन किया जा रहा है। दीनदयाल रसोई के साफ-सुथरे परिवेश में 10 रुपये में भरपेट स्वादिष्ट, गुणवत्तापूर्ण, संतुलित भोजन करके लोग प्रदेश सरकार और मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान का हृदय से आभार व्यक्त कर रहे हैं।
नगर पालिक निगम सतना द्वारा बस स्टैंड में संचालित दीनदयाल अंत्योदय रसोई में रोजाना अलग अलग स्थानों से आने वाले मुसाफिर, बस, ऑटो चालक एवं अन्य यात्री वाहनों के चालक-परिचालक, रिक्शा चालक तथा विभिन्न उद्यमों से जुड़े श्रमिकों के साथ-साथ दूर-दराज के क्षेत्रों से आने वाले छात्र-छात्रायें भी दीनदयाल रसोई पहुँचकर घर जैसे स्वादिष्ट भोजन का लुत्फ उठा रहे हैं।
अपनी सहेलियों के साथ बस स्टैंड के दीनदयाल रसोई केंद्र में भोजन कर रही अबेर गाँव निवासी कक्षा 12वीं की छात्रा ममता प्रजापति ने बताया कि सुबह कोचिंग आते वक्त घर मे भोजन नही बन पाता। दोपहर में भूख लगने पर कुछ देर की राहत के लिए पहले उन्हें समोसा खाना पड़ता था। लेकिन जब से दीनदयाल रसोई का शुभारंभ हुआ है, तब से 10 रुपये में भरपेट घर जैसा स्वादिष्ट भोजन करके अब वह अपना मन पढ़ाई में केंद्रित किये हुए हैं। ममता ने प्रदेश सरकार की योजनाओं की जमकर सराहना की। सिंहपुर निवासी बस चालक विकास तिवारी ने बताया कि पहले बस स्टैंड की अन्य होटलों में जाकर ज्यादा पैसा देने के बावजूद गुणवत्ता विहीन भोजन करने के लिए विवश होना पड़ता था। लेकिन दीनदयाल रसोई के खुल जाने से अब उन्हें मात्र 10 रुपये में घर जैसा ताजा पौष्टिक भोजन मिल रहा है। फेरी लगाकर बर्तन बेचने वाले चित्रकूट नयागांव निवासी गंगा प्रसाद सोनकर का कहना है कि पहले दोपहर में अच्छे भोजन के लिए बहुत परेशान होना पड़ता था। लेकिन अब बस स्टैंड में दीनदयाल रसोई का शुभारंभ हो जाने से उनके भोजन की समस्या दूर हो गई। खाना बनाने से बेफ्रिक्र होकर व्यवसाय करते हैं।
सतना नगर में दीनदयाल रसोई योजना अंतर्गत रसोई केंद्र का संचालन कर रहे दीपक मिश्रा ने बताया कि बस स्टैंड और सिविल लाइन सहित इन्हीं दो स्थानों पर 250-250 लोगो के लिए भोजन व्यवस्था की जिम्मेदारी मिली है। शासन की मंशानुसार साफ-सुथरे परिवेश में प्रतिदिन सुबह 10 बजे से अपरान्ह 3 बजे तक रोटी, सब्जी तथा दाल, चावल रसोई केंद्रों में लोगों को स्वादिष्ट भोजन के रूप में परोसा जा रहा है।