सन् 2025 तक टीबी मुक्त भारत बनाने में हमें भी देना है योगदान:- सांसद श्री पटेल
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बड़वानी | 06-मार्च-2021
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भारत को सन् 2025 तक टीबी मुक्त बनाने के प्रधानमंत्री के संकल्प में हमे भी अपना योगदान देना है। इस अभियान का संदेश और कार्य योजना की जानकारी जन-जन तक पहुंचाने के लिये हमें मिलकर कार्य करना होगा। जिस प्रकार हमने कोरोना को हराने में अपना पूरा जोर लगा रखा है। उसी प्रकार का प्रयास, हमें टीबी को हराने में भी लगाना होगा। सांसद श्री गजेन्द्रसिंह पटेल ने शुक्रवार की देर शाम को जिला चिकित्सालय के सभागृह में आयोजित स्वासथ्य विभाग के कार्यकर्ताओं की कार्यशाला में उक्त बाते कही। इस दौरान सांसद श्री पटेल, कलेक्टर श्री शिवराजसिंह वर्मा, नगर के गणमान्य सर्वश्री अमृतलाल अग्रवाल, श्रीराम यादव ने ‘‘ टीबी मुक्त मध्यप्रदेश, एक जन आन्दोलन ‘‘ पुस्तिका का भी विमोचन किया। कार्यशला के दौरान कलेक्टर श्री शिवराजसिंह वर्मा ने उपस्थित स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारियों को निर्देशित किया कि वे टीबी को हराने के लिये बनाई गई शासन की योजना की जानकारी आशा कार्यकर्ताओं को अनिवार्य रूप से दे। उन्हें बताये कि किस प्रकार प्रायवेट चिकित्सक से लेकर दवा खिलाने वाले तक को अपना योगदान देने हेतु नगद राशि बतौर पुरस्कार के दिया जा रहा है। इस दौरान श्री अमृतलाल अग्रवाल एवं श्रीराम यादव ने भी टीबी को हराने में जन-जन का योगदान दिलवाने में अपना सहयोग देने का वादा किया। कार्यशाला के दौरान जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बीएस सैत्या ने टीबी के बारे में तकनीकी पक्ष और उपचार के तरीको के बारे में जानकारी दी। वहीं आभार प्रदर्शन मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अनिता सिंगारे द्वारा किया गया। इस दौरान अभियान के नोडल अधिकारी डॉ. प्रमोद गुप्ता भी उपस्थित थे। देश से टीबी को हराने की रणनीति- सन् 2025 तक भारत देश को टीबी मुक्त कराना है।
- जिले में अब टीबी की जांच तीन केन्द्रो बड़वानी, सेंधवा, राजपुर में आधुनिक मशीनों से की जा रही है।
- इन स्थानो पर यह जांच, पूरी तरह से निःशुल्क हो रही है। जबकि प्रायवेट में इस जांच की कीमत 3 हजार रूपये तक है।
- टीबी के शत-प्रतिशत रोगियो की खोज के लिये घर - घर जाकर सर्वे किया जायेगा।
- इस दौरान जिस घर में टीबी के तीन केस मिलेंगे, उस परिवार के सभी सदस्यो के खखार की जांच की जायेगी।
- शासन ने प्रायवेट चिकित्सक को भी पुरस्कार देने की घोषणा की है। अब जो प्रायवेट चिकित्सक टीबी के रोगी की पहचान कर उसका विवरण ‘‘ निश्चित ‘‘ एप पर दर्ज करेगा, उसे 5 सौ रूपये मिलेंगे।
- इसी प्रकार टीबी के रोगी जो दवा ले रहे है, उन्हें भी अगामी 6 माह तक प्रति माह 5-5 सौ रूपये मिलेंगे। जिससे वह अपना बेहतर से बेहतर खान - पान रख सके।
- ईलाज से टीबी 6 माह में पूरी तरह से ठीक हो जाती है। इस कार्य में अपना सहयोग देने वाली ऐसी आशा कार्यकर्ता जिन्होने टीबी के रोगी को अपने समक्ष गोली खिलाने का कार्य किया है, उन्हें रोगी के ठीक हो जाने पर 1 हजार रूपये की राशि दी जायेगी।
- ऐसे टीबी के रोगी, जिन्होने अपना उपचार बीच में छोड़ दिया या और दवा के प्रति उनमें रजिस्ट्रेन्स उत्पन्न हो गया है। उनकी भी विशेष जांच कराकर विशेष उपचार दिया जायेगा।
(42 days ago)
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