अपने भरपूर पौष्टिक गुणों के लिए जाना जाने वाला चना भले ही मोटी जेब वालों के लिए खरीदना सामान्य बात हो। मगर यही चना जब से राशन दुकानों से मिलना शुरू हुआ, तो गरीब वर्ग की 48 वर्षीया लीला चौधरी की आंखों की चमक बढ़ गई। राशन के साथ चना मिलना क्या शुरू हुआ, उनकी खुशी कई गुना बढ़ गई।
बेवा लीला चौधरी अपने छोटे बेटे के साथ सतना नगर के गहरा नाला क्षेत्र में रहती हैं और दिहाड़ी मजदूर हैं। वह गरीबी रेखा के नीचे के दायरे में आती है। सरकार ने म.प्र. खा़द्य सुरक्षा दाल वितरण योजना के अंतर्गत अति गरीबी रेखा और गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले उपभोक्ताओं को राशन के साथ चना देना भी शुरू कर दिया।
लीला चौधरी कहती हैं, ‘‘राशन दुकान से कम दर पर चन मिलना, उनके लिए खुशी की बात है।‘‘ वह आगे कहती हैं, ‘‘वह खुश है कि सरकार ने गरीबों के लिए जल्द इसका वितरण कराना शुरू कर दिया।‘‘ लीला चौधरी की तरह ही जिले भर में तमाम उपभोक्ता हैं, जो राशन के साथ चने के वितरण से प्रसन्न हैं।
उल्लेखनीय है कि चने का वितरण गरीब उपभोक्ताओं को पौष्टिक आहार प्रदाय करने के लिए प्रेरित करने हेतु शुरू किया गया। राशन दुकानों से चना वितरण से करीब 18 लाख 39 हजार 489 उपभोक्ताओं को फायदा होगा। इसमें अति गरीबी वाले 2 लाख 80 हजार 469 सदस्य एवं गरीबी रेखा वाले 15 लाख 59 हजार 20 सदस्य शामिल हैं। एक सदस्य को एक किलोग्राम चना देने का प्रावधान है। जिले में 818 उचित मूल्य दुकानों के माध्यम से चने का वितरण किया जावेगा।