भारत सरकार ने तम्बाकू आपदा से लोगों को बचाने के लिए तम्बाकू नियंत्रण कानून कोटपा-2003 बनाया है। इस कानून की धारा 4 के अनुसार सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान प्रतिबंधित है और अगर कोई सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान करता है तो उस पर 200 रूपये तक का जुर्माना किया जा सकता है। धारा 5 के अनुसार किसी भी तम्बाकू उत्पाद का विज्ञापन या प्रायोजन प्रतिबंधित है, धारा 6 अ के अनुसार नाबालिगों को/के द्वारा तम्बाकू उत्पाद बेचना प्रतिबंधित है, धारा 6 बी अनुसार शैक्षणिक संस्थानों के 100 गज (300 फिट) के दायरे में तम्बाकू उत्पाद बेचना प्रतिबंधित है, धारा 7 के अनुसार तम्बाकू उत्पादों के 85 प्रतिशत हिस्से पर चित्रात्मक स्वास्थ्य चेतावनियाँ अनिवार्य है। यह जानकारी तम्बाकू नियंत्रण कानून के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए आयोजित स्कूल शिक्षा विभाग के प्रशिक्षण कार्यक्रम में दी गई।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में जिला शिक्षा अधिकारी श्री अरुण कुमार इंगले, डीपीसी, विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी, स्कूलों के प्राचार्य, राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम के जिला नोडल अधिकारी डॉ गुलाब खातरकर, संभाग समन्वयक श्री संजय शर्मा और अन्य अधिकारी मौजूद थे। प्रशिक्षण का आयोजन स्वास्थ्य विभाग और मध्य प्रदेश वालंटरी हेल्थ एसोसिएशन द्वारा इंटरनेशनल यूनियन अगेन्स्ट ट्यूबरक्यूलोसिस एंड लंग डिसीज (द यूनियन) के सहयोग से किया गया।
इस प्रशिक्षण में विभागीय जिम्मेदारियों से अवगत कराया गया और उन्हें तम्बाकू नियंत्रण और तम्बाकू नियंत्रण कानून के प्रभावी रूप से क्रियान्वयन के लिए क्या करने की जरूरत है, इसके बारे में बताया गया। प्रशिक्षण में मध्य प्रदेश वालंटरी हेल्थ एसोसिएशन के कार्यक्रम प्रबंधक श्री बकुल शर्मा ने बताया कि जिले सभी शैक्षणिक संस्थानों को तम्बाकू मुक्त किया जाना है। साथ ही शैक्षणिक संस्थान के मुख्य द्वार पर तम्बाकू मुक्त शैक्षणिक संस्थान- इस शैक्षणिक संस्थान के 100 गज (300 फिट) के दायरे में किसी भी प्रकार के तम्बाकू उत्पाद बेचना अपराध है एवं उल्लंघन करने वालों पर 200 रूपये तक का जुर्माना हो सकता है, का बोर्ड लगवाया जाए। अवयस्कों को तम्बाकू उत्पाद बेचने पर कड़ी कार्यवाही की जावे। शैक्षणिक संस्थानों के 300 फिट के दायरे में तम्बाकू उत्पादों की दुकानें हटाई जायें एवं शैक्षणिक संस्थानों के 300 फिट के दायरे में पीली रेखा बनाकर चिन्हित किया जाए।
भारत में 12 से 13 लाख लोगों की मौत का कारण तम्बाकू से होने वाली बीमारियाँ हैं
प्रशिक्षण में बताया गया कि भारत में 12 से 13 लाख लोगों की मौत का कारण तम्बाकू से होने वाली बीमारियां हैं। वैश्विक वयस्क तम्बाकू सर्वेक्षण 2016-17 गेट्स 2 के अनुसार भारत में 39 प्रतिशत और मध्यप्रदेश में 34 प्रतिशत वयस्क तम्बाकू का प्रयोग करते हैं। भारत में 16 प्रतिशत और मध्यप्रदेश में 10 प्रतिशत वयस्क धूम्रपान करते हैं। भारत में 31 प्रतिशत और मध्यप्रदेश में 28 प्रतिशत वयस्क धूम्ररहित तम्बाकू का सेवन करते हैं। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2009-10 में 40 प्रतिशत लोग सार्वजनिक स्थानों पर परोक्ष धूम्रपान का शिकार होते थे, वहीं अब यह 2016-17 में घटकर 24 प्रतिशत हो गए हैं। इसका मुख्य कारण है कि विगत कई वर्षों में प्रदेश में सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान को रोकने के लिए सतत् निगरानी, जागरूकता और दंड किया गया है, जिससे लोगों में परिवर्तन आया है।