
जिले में दुग्ध क्रांति लाने की दिशा में ग्राम पंचायत चक्क चिरोली एक मिशाल कायम करे,जिससे दुग्ध उत्पादन करने में जिला सबसे आगे निकालकर आत्मनिर्भरता की अग्रसर हो सके। इस आशय के विचार कलेक्टर श्री अभय वर्मा ने बुधवार को तहसील शाढौरा की ग्राम पंचायत चक्क चिरोली में दुग्ध शीतलीकरण केन्द्र में दुग्ध क्षमता बढाने संबंधी प्रशिक्षण के अवसर पर व्यक्त किये।

कलेक्टर ने कहा कि हमारा प्रथम लक्ष्य दुग्ध शीत केन्द्र को प्रारंभ कराना था। जिससे क्षेत्रों के दुग्ध विक्रेताओं को उत्पादित दुग्ध का उचित मूल्य पर आसानी के साथ विक्रय करने की सुविधा प्राप्त हो सके। इस केन्द्र में बिजली,पानी,मोटर सहित सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित कराई गई है। उन्होंने ग्रामीणों से कहा कि वे दुग्ध में दूध लाकर विक्रय करें।जिससे समय पर उचित दाम मिल सके। साथ ही विभिन्न योजनाओं के तहत भी लाभ दिलाया जा सके। उन्होंने इस कार्य में महिलाओं को आगे आने तथा सशक्त होकर इस व्यवसाय से जुडने का आव्हान किया। उन्होंने कहा कि महिलाएं सशक्त होगी तथा आगे बढकर इस कार्य को बेहतर ढंग से कर सकेगी। उन्होंने महिलाओं की दुग्ध समितियों में भागीदारी सुनिश्चित कराये जाने तथा प्रबंधन की जिम्मेदारी दिये जाने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए। उन्होंने कहा कि कृषि को लाभ का धंधा बनाने के लिए पशुपालन पर विशेष ध्यान दिया जाए। उन्नत पशुपालन के माध्यम से दुग्ध क्रांति में महिलाएं दुग्ध उत्पादन में अपनी अहम भूमिका निभा सकती है। जिले में दूध की उत्पादन क्षमता में वृद्धि हो सकती है। उन्होंने मिल्क रूट हेतु अधिक से अधिक गांव को जोडने के निर्देश दिए। उन्होंने चक्क चिरोली दुग्ध शीतलीकरण केन्द्र में प्रतिदिन 02 हजार लीटर के लक्ष्य की पूर्ति के लिए कृषकों,ग्रामीणों तथा महिलाओं से सहयोग की अपेक्षा की। साथ ही संबंधित विभागों को निर्देशित किया वे इस कार्य में निरंतर दुग्ध उत्पादकों से संपर्क कर इस दिशा में बेहतर परिणाम लाएं।
इस अवसर पर महाप्रबंधक दुग्ध संघ भोपाल डॉ.अशोक खरे ने प्रशिक्षण देते हुए बताया कि डेयरी व्यवसाय में महिलाओं की भागीदारी काफी महत्वपूर्ण होती है। डेयरी व्यवसाय के माध्यम से कृषि को फायदे का धंधा बना सकते है। महिलाओं में बचत की प्रवृति,ईमानदारी की आदत,मेहनतकश होती है। महिला दुग्ध समितियों से महिलाएं सशक्त होगी।
इस अवसर पर उप संचालक पशुपालन डॉ.आर.के.त्यागी ने बताया कि चक्क चिरोली ग्राम में नावार्ड योजना के अंतर्गत 10 लाख रूपये की लागत से दुग्ध शीतलीकरण केन्द्र का संचालन ग्रामीणों के लिए कराया गया है। इसके संचालन का दायित्व दुग्ध संघ भोपाल को सौंपा गया है। इस केन्द्र में आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों के दुग्ध उत्पादकों से निर्धारित दर पर दुग्ध का संग्रहण किया जाता है। उन्होंने दुग्ध उत्पादन क्षमता बढाये जाने हेतु ग्रामीणों को प्रशिक्षण दिये जाने के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला।
कलेक्टर ने दुग्ध शीतलीकरण केन्द्र का किया निरीक्षण

कलेक्टर ने ग्राम पंचायत चक्क चिरोली के दुग्ध शीतलीकरण केन्द्र का निरीक्षण किया। उन्होंने निरीक्षण के दौरान केन्द्र की व्यवस्थाओं का जायजा लिया। उन्होंने दूध की फेट जांच कराये जाने हेतु कम्प्यूटीकृत मशीन लगाये जाने के निर्देश दिये।
इस अवसर पर एसडीएम अशोकनगर श्री रवि मालवीय,उपायुक्त सहकारिता श्री बी.डी.भदौरिया,सीईओ जनपद पंचायत श्री आर.एस.साहू,सरपंच श्री जसवंत सिंह, पशु चिकित्सक डॉ.सिंघल,जनप्रतिनधि एवं बडी संख्या में ग्रामीणजन उपस्थित थे।