जिले की गौशालाओं को आत्मनिर्भर बनाया जाएगा, गौशालाओं में वर्मी कंपोस्ट, वर्मीवॉश, गौ-काष्ट आदि उत्पाद तैयार किए जाएंगे - कलेक्टर श्री सिंह
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रतौना गौशाला की अतिरिक्त गाय 33 गौशालाओं में स्थानांतरित की जाएंगी, जिससे शहर में घूमने वाली बेसहारा गायों को रतौना गौशाला में स्थान मिल सकेगा
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सागर | 15-जनवरी-2021
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 कलेक्टर श्री दीपक सिंह ने जिला गौपालन एवं पशु संवर्धन समिति की बैठक में निर्देश दिए कि जिले में स्थापित गौशालाओं को स्वावलंबी और आत्मनिर्भर बनाया जाए। उन्होंने कहा कि जैसी कि राज्य शासन की मंशा है कि स्थापित की जाने वाली गौशालाएं स्वावलंबी बनाई जाएं इस दिशा में तेजी से कार्य किया जाए। गौशालाओं में गोबर से वर्मी कंपोस्ट, वर्मीवॉश, गौ-काष्ट, हवन कंडे और अन्य उपयोगी उत्पाद तैयार किए जाएं। इसके लिए आवश्यक प्रशिक्षण दिलाया जाए। गौ-दूध और गौ-घी की भी बड़े महानगरों में अत्यधिक मांग है। इन उत्पादों की मार्केटिंग आजीविका के माध्यम से की जाए। जिससे गौशाला संचालनकर्ता, महिला समूहों को लाभ भी हो। उन्होंने समिति के सचिव, उपसंचालक पशु चिकित्सा डा. आरपी यादव को निर्देश दिए कि गौशालाओं के गौवंश का उपचार और कृत्रिम गर्भाधान पशु चिकित्सकों के माध्यम कराया जाए। बैठक में जिला पंचायत सीईओ श्री इच्छित गढ़पाले, श्री वीरेन्द्र जैन मालथौन, श्री महेन्द्र बण्डा वाले, महिला स्व-सहायता समूह के सदस्य, अनुदान प्राप्त गौशालाओं के संचालनकर्ता और पशु चिकित्सकगण उपस्थित थे। बैठक में कलेक्टर ने गौशाला संचालकों से कहा कि गौवंश को खुले/जंगल में नहीं छोड़ा जाए। उन्होंने दयोदय गौशाला रतौना के अतिरिक्त गौवंश को नवीन स्थापित गौशालाओं में स्थानांतरित करने के निर्देश दिए। प्रत्येक गौशाला में 50-50 गायों को स्थानांतरित किया जा सकेगा। जिससे रतौना गौशाला में स्थान रिक्त हो जाएगा और वहां शहर के बेसहारा घूमने वाली गायों को स्थान मिल सकेगा। बैठक में गौशालाओं के गोबर और गौमूत्र के उत्पादों की समीक्षा की गई। जिसमें वर्तमान में गौ-काष्ट की लकड़ी के विक्रय एवं उपयोग हेतु नगर निगम/नगर पालिका के अधिकारियों से चर्चा करने के निर्देश दिए गए। कलेक्टर श्री सिंह ने सभी महिला स्व-सहायता समूहों से परिचय प्राप्त किया और गौशाला संचालन के संबंध में जानकारी प्राप्त की। गौशालाओं में पशुओं के स्थानांतरित करने के संबंध में वाहन की व्यवस्था करने जिला पंचायत सीईओ को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। गौशाला विस्तारीकरण हेतु गौशाला पटनाबुजुर्ग का चयन किया गया। बैठक में मुख्यमंत्री गौसेवा अंतर्गत निर्मित 33 नवीन गौशालाओं एवं निजी अनुदान प्राप्त गौशालाओं को पशु संख्या के आधार पर प्रदाय राशि का अनुमोदन किया गया। निजी गौशालाओं में मनरेगा से स्वीकृत कार्यों की समीक्षा की गई। गौशालाओं मंे उत्पादों की उपलब्धता एवं विक्रय से प्राप्त आय का विवरण अगली बैठक में रखा जाए।
(50 days ago)
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