
कलेक्ट्रेट कार्यालय के सभाकक्ष में मंगलवार को जनसामान्य की समस्याओं के निराकरण हेतु जनसुनवाई का आयोजन किया गया। इस दौरान कुल 199 आवेदन पत्र प्राप्त हुये। जनसुनवाई में अपर कलेक्टर श्री पवन जैन, अपर कलेक्टर एवं जिला पंचायत सीईओ श्री हिमांशु चंद्र, अपर कलेक्टर श्री अजय देव शर्मा एवं अपर कलेक्टर श्री राजेश राठौर द्वारा आवेदकों की समस्याओं को सुन आवश्यक कार्रवाई की गई।
जनसुनवाई में आमजन की समस्याओं से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर आधारित आवेदन पत्र प्राप्त हुये। जिनमें से कुछ का मौके पर निराकरण करते हुये राहत प्रदान की गई। जनसुनवाई में आई कविता राय द्वारा असामान बिजली बिल से निजात पाने के लिये आवेदन प्रस्तुत किया गया। उन्होंने बताया कि वे सब्जी बेचती है और इतना अधिक बिजली बिल का भुगतान करने में सक्षम नहीं हैं जिस कारण विद्युत विभाग द्वारा उनके बिजली का कनेक्शन काट दिया गया है। आवेदन पर सुनवाई करते हुये अपर कलेक्टर श्री जैन ने अधीक्षण यंत्री एमपीईबी को निर्देश दिये कि महिला का बिजली कनेक्शन पुन: शुरू कराया जाये। साथ ही उक्त बिजली बिल की जांच करायी जाये। इसी तरह जनसुनवाई में आये असलम खान ने बताया कि इंदौर के हनीफ मंसुरी ट्रेडर्स को उनके द्वारा सितम्बर 2020 में 65 हजार 170 रूपये की प्याज का विक्रय किया गया था। ट्रेडर्स द्वारा 45 हजार 170 रूपये की रकम का भुगतान कराया जाना अभी तक शेष है। उन्होंने बताया कि वे शाजापुर में रहते है और बकाया राशि की वसूली के लिये कई बार इंदौर के चक्कर लगा चुके है। अपर कलेक्टर श्री राठौर ने कृषि उपज मंडी के सचिव को आगामी 15 दिवस के अंदर असलम खान के पैसों का भुगतान कराया जाना सुनिश्चित करने के निर्देश दिये।
जनसुनवाई में जमीन पर अवैध कब्जे तथा अवैध निर्माण से संबंधित कई प्रकार के आवेदन प्राप्त हुये जिस पर अपर कलेक्टर श्री चंद्र द्वारा संबंधित अधिकारियों को पात्र व्यक्ति को कब्जा दिलाने की कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिये गये। उन्होंने कहा कि कलेक्टर श्री मनीष सिंह के निर्देशन में इंदौर जिले में चरणबद्ध रूप से नगर वासियों के प्लॉट/जमीनों से अतिक्रमण एवं अवैध कब्जा हटाने की कार्रवाई निरंतर की जा रही है।
जनसुनवाई में अधिकांश शिकायतें सायबर फ्रॉड, माता-पिता भरण-पोषण, वृद्धा पेंशन, विकलांगता पेंशन, जमीन के सीमांकन, बटवारा, पात्रता पर्ची, जमीन पर अवैध कब्जा, बिना रजिस्ट्री के सोसायटी की जमीनों पर मकान बनाये जाने आदि से संबंधित रहीं। इस दौरान आवेदकों की समस्याएं संवेदनशीलता के साथ सुनी गयीं और समस्याओं के निस्तारण एवं अनुश्रवण के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिये गये।