कच्चे मकान से बारिश में होती थी बहुत परेशानी -सीताराम प्रधानमंत्री आवास योजना से मिला सपनों का आशियाना "खुशियों की दास्तां"
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उज्जैन | 24-फरवरी-2021
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 उज्जैन की तराना तहसील के ग्राम तोबरीखेड़ा में रहने वाले सीताराम पिता भेरूजी ने जिन्दगी के कई साल एक छोटे से कच्चे मकान में गुजारे। सर्दी और गर्मी के दिन तो जैसे-तैसे बित जाते थे, लेकिन बारिश के दिनों में जब कच्चे मकान के पतरे की छत से जगह-जगह से जब पानी टपकता था तो सीताराम और उनके परिवारवालों को पूरे बारिश के मौसम के दौरान दूसरों के घरों में सिर छुपाने के लिये जाना पड़ता था। सीताराम के परिवार में पत्नी लक्ष्मीबाई, दो लड़के और एक लड़की है। सीताराम और उनके दोनों लड़के मजदूरी कर जैसे-तैसे अपना गुजर-बसर कर पाते हैं। लड़की की शादी पास ही के गांव में की है। मेहनत करके जो थोड़ा बहुत रूपया उन्होंने जमा किया था, वह लड़की की शादी में खर्च हो गया। इस वजह से सीताराम ने यह उम्मीद ही छोड़ दी थी कि आजकल के महंगाई के जमाने में कभी खुद अपना पक्का मकान बना सकेंगे। सिर पर पक्की छत होना कितना जरूरी है, इसका एहसास उसी को होता है, जिसके पास यह नहीं होती। सीताराम को कुछ महीने पहले ही प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पक्का मकान बनाने के लिये अलग-अलग किश्तों में राशि प्रदाय की गई। जब अपना खुद का पक्का मकान बनकर आंखों के सामने तैयार हुआ तो आत्माराम और उनके पूरे परिवार को बहुत खुशी हुई। वे हमेशा से यही तो चाहते थे कि कुछ दिन जिन्दगी के सुकून से पक्के मकान में गुजार सकें। सपनों के आशियाने को पूरा बनते हुए देखकर सीताराम की आंखों में खुशियों के आंसू छलक आये। उन्होंने गृह प्रवेश के दौरान शासन का बहुत-बहुत धन्यवाद व्यक्त किया।
(52 days ago)
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