
खुद पर भरोसा हो और लगन से कड़ी मेहनत की जाए तो कोई क्या कुछ नही कर सकता, एक ऐसी ही कहानी सतना जिले के रामपुर बघेलान तहसील के ग्राम इटौरा के एक छोटे से गरीब किसान के 16 वर्षीय बेटे हिमांशु मिश्रा की है। जिसके पास ना तो प्रैक्टिस के लिए ग्राउंड था, न ही जरूरी साजो-सामान खरीदने के लिए पैसे, बावजूद इसके अंडर-16 नेशनल एथलीट्स में सबसे दूरी तक भाला फेंककर उसने गोल्ड मेडल हासिल किया। गांव की गलियों में नंगे पैर प्रेक्टिस करके सतना के इस सपूत ने ना सिर्फ अपने माता-पिता और गांव का नाम रोशन किया बल्कि पूरे मध्यप्रदेश को भी गौरवान्वित किया है।
सतना के छोटे से गांव इटौरा में रहने वाले हिमांशु मिश्रा ने अंडर-16 नेशनल एथलीट्स भाला फेंकने में गोल्ड मेडल जीता है। हिमांशु के पिता विनय मिश्रा किसान हैं। 12 सदस्यीय संयुक्त परिवार में सिर्फ तीन एकड़ ही भूमि है। परिवार बेहद गरीब है, लिहाजा हिमांशु के पास इतने पैसे नहीं थे कि वह महँगी कोचिंग और महंगे साजो-सामान खरीद सके। लेकिन उसकी लगन ही थी जिसने उसे कामयाबी के मुकाम तक पहुंचाया है। हिमांशु के स्कूल के स्पोर्ट्स टीचर अनूप पाठक ने उसे सपोर्ट किया और हिमांशु ने भाला फेंकने की प्रैक्टिस 2 साल तक की, वह नंगे पैर प्रैक्टिस करता रहा। फिटनेस के लिए घर पर देशी जुगाड़ कर पत्थरो, टायरों की मदद से जिम भी बनाई। जहां पर दिन-रात अपना पसीना बहाता रहा। बीते दिनों छत्तीसगढ़ के रायपुर में हुए अंडर-16 नेशनल एथलीट्स मे उसने भाग लिया। कई प्रदेशों के 2 हजार खिलाडि़यों ने इस प्रतियोगिता में भाग लिया, जिसमें हिमांशु ने 59.2 मीटर तक भाला फेंककर गोल्ड मेडल अपने नाम किया है। हिमांशु ने यह साबित किया की मंजिल तक पहुंचने के लिए मेहनत और लगन से यदि प्रयास किये जायें तो ख्वाब पूरे हो सकते हैं। हिमांशु ने फरवरी 2021 मे गोल्ड मेडल हासिल कर अपने शहर के साथ पूरे मध्यप्रदेश को गौरवान्वित किया है।

हिमांशु का सफर अभी खत्म नहीं हुआ है, हिमांशु का सपना अपने लिए नही देश के लिए गोल्ड लाने का है। जिसके लिए उसे हरियाणा स्पोर्ट्स एकेडमी में जाकर प्रैक्टिस करना है। लेकिन उसके परिवार की गरीबी उसके पैरों की बेडि़यां बनती नजर आ रही थी। हिमांशु के पिता के पास महज 3 एकड़ जमीन है। इसी से वे अपना पूरा परिवार भी चला रहे है और हिमांशु के सपनों को पूरा भी करने की कोशिश कर रहे परिवार की माली हालत हरियाणा स्पोर्ट्स एकेडमी का खर्च उठाने की स्थिति में नहीं है। ऐसे में हिमांशु के पिता ने शासन से मदद की गुहार लगाई ताकि उनके बेटे का सपना पूरा हो सके और वह देश के लिए गोल्ड ला सके। स्थानीय विधायक रामपुर बघेलान विक्रम सिंह ने विधायक निधि से एक लाख की व्यवस्था कर हिमांशु को सहायता दी, ताकि वह किट खरीद सके।
हिमांशु के पिता का कहना है कि ग्रामीण क्षेत्रो में प्रतिभाओं की कमी नहीं है, जरूरत है तो सिर्फ उन्हें शासन स्तर पर मदद देकर निखारने की। हिमांशु ऐसी प्रतिभाओं का एक जीता-जागता उदाहरण है। यदि हिमांशु को सरकार और खेल विभाग का सपोर्ट मिले तो शायद है कि वह अपने सपने को साकार कर पाए और भारत के लिए गोल्ड लाकर पूरे विश्व में भारत का नाम रोशन कर पाए। बस जरूरत है आर्थिक मदद की, उचित कोचिंग की ताकि विदेशों के प्रतिभागियों से मुकाबला करने का हुनर सीख पाए।
रायपुर में फरवरी 2021 में संपन्न हुये अण्डर-16 नेशनल एथलीट्स में गोल्ड मेडल हासिल करने वाले एथलीट हिमांशु मिश्रा का सपना ओलंपिक प्रतियोगिता में भाग लेकर भाला फेंक प्रतियोगिता में अपने देश के लिये गोल्ड मेडल हासिल करने का है और उन्होने हरियाणा स्पोर्ट एकेडमी में प्रवेश लेने की तैयारी करनी शुरू कर दी है।